Thursday 26 January 2012


खोया बचपन

बच्चे का बचपन खोया है
खेल खिलौने क्या होते हैं?

सारा भुवन घूमकर देखा 
नहीं हाथ में अन्न की रेखा 
कितनी उसने खाई गाली
फिर भी भरी न उसकी थाली



दो भी कौर खिला दे कोई
ऐसे अपने क्या होते हैं!

कौन सुनाये उसे कहानी?
माँ की आँखों में था पानी
घर छूटा क्या साथ रह गया 
सब कुछ तो फुटपाथ रह गया 

कोई उससे जाकर पूछे 
मीठे सपने क्या होते हैं

इन राहों पर छांह नहीं है
मजदूरी बिन राह नहीं है
कागज़ के कोमल अफ़साने
कहो भला वे कैसे जानें?

किरणों वाले क्या जानेंगे
तम-तहखाने क्या होते हैं?
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