Thursday 26 January 2012




तुम्हारा चाँद, मेरा चाँद


एक चाँद तुम्हारी खिड़की के आसमान पर है
जो तुम्हे बेहद खूबसूरत लगता है
जिसे देखकर तुम्हे
तुम्हारी प्रेमिका याद आ जाती है

एक चाँद
मेरे भी खुले आसमान पर है
पर उसे देखकर 
भुखमरी के इस मौसम में 
मेरे  मुंह  से एक ही शब्द निकलता है,''रोटी''
मुझे रोटी याद आती है 

 चाँद को चाँद कहने के लिए
 ज़रूरी है पेट में रोटी    

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3 comments:

  1. Bahut pasand aayi.

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  2. Kabhi kabhi hum bhool jaatey hain ki bhook har cheez ke upar hoti hai.

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  3. Chand aur roti ki aisi anupam tulna apne aap me adwitiya hai. Bahut achchi lagi.

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